Pyar ke liye - 1 in Hindi Love Stories by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | प्यार के लिए - 1

Featured Books
  • द्वारावती - 73

    73नदी के प्रवाह में बहता हुआ उत्सव किसी अज्ञात स्थल पर पहुँच...

  • जंगल - भाग 10

    बात खत्म नहीं हुई थी। कौन कहता है, ज़िन्दगी कितने नुकिले सिरे...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 53

    अब आगे रूही ने रूद्र को शर्ट उतारते हुए देखा उसने अपनी नजर र...

  • बैरी पिया.... - 56

    अब तक : सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भ...

  • साथिया - 127

    नेहा और आनंद के जाने  के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई...

Categories
Share

प्यार के लिए - 1

(1)

सुज़ैन की कैब अपार्टमेंट में दाखिल हुई। उसने सीट पर पड़ा अपना बैग निकाला। पेमेंट करके लिफ्ट की तरफ बढ़ गई। लिफ्ट से अपने फ्लोर पर पहुँच कर उसने फ्लैट का दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा खुलते ही जैसे भावनाओं का एक तूफान सा उमड़ पड़ा। आँखों से आंसू बहने लगे। एक हफ्ते के बाद वह घर लौटी थी। वह निढाल सी सोफे पर लेट ‌गई।

फ्लैट की शांति में बीते समय की ना जाने कितनी आवाज़ें सुनाई पड़ने लगीं। धीरे धीरे उन आवाज़ों ने रूप ले लिया। अब अतीत की घटनाएं किसी फिल्म की तरह उसके सामने घटित हो रही थीं।

सुज़ैन अपने पति एड्रियन का हाथ थामे खड़ी थी। उस फ्लैट को देखने के लिए उत्सुक थी जिसमें उसे घर बसाना था। ब्रोकर फ्लैट के दरवाज़े के सामने खड़े होकर कह रहा था,

"आप लोगों की ज़रूरत के हिसाब से यह बहुत अच्छा फ्लैट है। मालिक दुबई में रहता है। मकान मालिक की खिटखिट नहीं रहेगी। बस किराया समय ‌पर देते रहिएगा।"

एड्रियन ने कहा,

"उसकी फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है। बस फ्लैट हमारे हिसाब से होना चाहिए।"

ब्रोकर दरवाज़ा खोलकर उन्हे अंदर ले आया। सुज़ेन और एड्रियन फ्लैट देखने लगे। दो बेडरूम थे। दोनों के आगे बालकनी थी। बालकनी बड़ी थी और वहाँ से नज़ारा भी बहुत खूबसूरत था। इसके अलावा बड़ा हॉल और ओपन किचन था। हर जगह लकड़ी का सुंदर काम था। एड्रियन ने पूछा,

"सूज़ी कैसा लगा ?"

सुज़ैन फ्लैट देखकर बहुत खुश थी। उसने कहा,

"ऐसा लग रहा है जैसे सपना पूरा हो रहा हो।"

एड्रियन ने ब्रोकर से कहा,

"अप्रूवल मिल गई है। अब आप बात आगे बढ़ाइए। जल्दी ही हम यहाँ शिफ्ट होना चाहते हैं।"

ब्रोकर ने कहा,

"घर मुबारक हो। मैं जल्दी ही सारी कार्यवाही करता हूँ।"

 

सुज़ैन खुद को उत्साह के साथ घर सजाते हुए देख रही थी। घर की हाउस वार्मिंग पार्टी थी। उन लोगों ने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाया था। सुज़ैन ने एड्रियन को भी कुछ काम सौंपे थे। लेकिन ‌वह इत्मीनान से बैठा था। सुज़ैन ने डांटा,

"एड्रियन तुम इस तरह आराम से बैठोगे तो काम कैसे चलेगा ?"

"पार्टी कल है ना। इतनी परेशान क्यों हो ?"

"पार्टी कल है। पर काम बहुत ज्यादा हैं।"

एड्रियन काम में लग गया। अपना काम करते हुए उसने पूछा,

"क्या यह पार्टी ज़रूरी थी सूज़ी।"

काम करते हुए सुज़ैन रुक गई। एड्रियन के पास आकर बोली,

"बिल्कुल ज़रूरी थी। मैं सबको बताना चाहती हूँ कि तुमसे शादी करने का मेरा निर्णय एकदम सही था। खासकर पापा को बताना चाहती हूँ कि उनके सपोर्ट के बिना भी मैं अपनी ज़िंदगी में सेटल हो सकती हूँ।"

"पर तुमने अपने पापा को तो इनवाइट किया नहीं है। फिर कैसे उन्हें सब दिखाओगी।"

"एग्नेस आंटी हैं ना। सारी खबर पहुँचा देंगी।"

"तो तुम्हारी स्पेशल करेस्पांडेंट हैं एग्नेस आंटी।"

एड्रियन हंस दिया। फिर गंभीर होकर बोला,

"सूज़ी अपने पापा के लिए मन में कुछ मत रखो। वह भी अपनी जगह सही हैं। तुम उनकी इकलौती लाडली बेटी हो। मेरे जैसे अनाथ के साथ जो बस एक सिंगर है और अभी जिसका करियर सेट भी नहीं हुआ है, तुम्हारा हाथ कैसे दे देते।"

"एड्रियन मैंने उन्हें समझाया था कि तुम टैलेंटेड हो। जल्दी ही अपनी जगह बना लोगे। कॉन्सर्ट्स से भी तुम कमा रहे हो। एड्स के जिंगल्स गाते हो। फिर मैं भी जॉब करती हूँ। दोनों मिलकर अपना घर अच्छी तरह चला लेंगे। पर उनकी अपनी ज़िद थी। उन्होंने जो कुछ कहा मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा।"

"सूज़ी मैं माँ बाप के प्यार को तरसा हूँ। मुझे लगता है कि वह अगर कुछ कड़वा भी बोल दें तो सह लेना चाहिए।"

"एड्रियन मैं उनकी मार भी सह सकती हूँ। लेकिन उन्होंने तुम्हारे ‌बारे में जो कुछ कहा मेरे लिए सहना कठिन था।"

सोफे पर लेटी हुई सुज़ैन उस बातचीत को याद करके फिर भावुक हो गई। रोते हुए बोली,

"पापा आई नीड यू.... इस समय मैं बहुत अकेली हूँ। कुछ समझ नहीं आ रहा है।"

उसी समय डोरबेल बजी। सुज़ैन उठी। अंदर जाकर मुंह धोया। उसके बाद आकर दरवाज़ा खोला। एक फ्लोर नीचे रहने वाली सुषमा थी। सुषमा चुपचाप अंदर आ गई। हाथ में टिफिन था। सोफे पर बैठकर बोली,

"खाना लाई हूँ। हॉस्पिटल में तो ठीक से खा नहीं पाती होगी।"

सुज़ैन ने कहा,

"खाने का मन कहाँ होता है।"

"लेकिन खाना तो पड़ेगा। खुद को मज़बूत रखने के लिए ज़रूरी है।"

सुज़ैन उसके पास बैठ गई। उसने कहा,

"पता नहीं कब तक खुद को मज़बूत रख पाऊँगी। वैसे तुम्हें कैसे पता कि मैं घर आई हूँ।"

"तुम कैब से उतर रही थी तो देखा था। सोचा कुछ और मदद तो कर नहीं पा रही हूँ। खाना ही खिला दूँ।"

"थैंक्यू सुषमा...... मैं समझती हूंँ। तुम्हारा इतना सोचना ही बहुत है।"

सुषमा उठकर खड़ी हो गई। चलते हुए बोली,

"कोई ज़रूरत हो तो बताना ज़रूर।‌ संकोच मत करना।"

बाहर निकलने से पहले उसने सुज़ैन को गले लगा लिया।

सुषमा के जाने ‌के बाद सुज़ैन ने बैग से कपड़े निकाल कर वॉशिंग मशीन में डाल दिए। शावर लेने के बाद खाना खाने लगी।

पिछले कुछ दिन उस पर बहुत भारी गए थे। एड्रियन एक कॉन्सर्ट से ‌वापस आ रहा था। एयरपोर्ट से घर के रास्ते में उसकी कैब का एक्सीडेंट हो गया। इस समय वह हॉसंपिटल के आईसीयू में लाइफ सपोर्ट सिस्टम ‌पर था। डॉक्टर अपनी पूरी कोशिश कर रहे थे।

खबर मिलते ही सुज़ैन हॉस्पिटल भागी थी। उसके बाद दो दिन बस इधर से उधर चक्कर लगाने में बीत गए। जब एक्सीडेंट की खबर मिली थी तब बहुत से लोगों ने हमदर्दी दिखाई थी। उसके बाद सब पीछे हट गए। डॉक्टर ने कहा था कि लंबा समय लगेगा। इसलिए वह अपने कुछ कपड़े और ज़रूरी सामान लेकर हॉस्पिटल में थी।

उसका एक पुराना दोस्त अनिल खबर पाकर मिलने आया था। उसकी हालत देखकर उसने कहा था कि वह घर जाकर कुछ आराम करे। उसे रात दस बजे की फ्लाइट पकड़नी है। तब तक वह हॉस्पिटल में रुकेगा। सुज़ैन को लगा कि अभी ना जाने कितनी लड़ाई बाकी है। एक हफ्ते से वह हॉस्पिटल में थी। उसने अपने दोस्त की बात मान ली।

खाना खाने के बाद उसने ‌फ्रिज खोलकर देखा। एक हफ्ते में फल और सब्ज़ियां उतने ताज़े नहीं रह गए थे। उसने सोचा कि जो इस्तेमाल के लायक होगा वह सिक्योरिटी गार्ड को दे देगी। बाकी डस्टबिन में डाल देगी। उसने फल सब्ज़ियों को छांटना शुरू किया। फल सब्ज़ियों को छांटने के बाद उसने शेल्फ में देखा तो प्लास्टिक रैप में एप्पल टार्ट दिखाई पड़ा। एड्रियन को एप्पल टार्ट बहुत पसंद था। उसे एक्सीडेंट से पहले एड्रियन के साथ हुई बातचीत याद आ गई।

सुज़ैन ऑफिस से लौटकर आई थी। फ्रेश होकर उसने एड्रियन को वीडियो कॉल किया। एड्रियन बहुत खुश लग रहा था। उसने बताया,

"सूज़ी कॉन्सर्ट बहुत अच्छा रहा। मेरे गाने की बहुत अधिक तारीफ हुई थी। यू नो उस कॉन्सर्ट में म्यूज़िक डायरेक्टर स्टीवन सैमुएल भी थे। उन्हें ताली बजाते देखकर तो ऐसा लग रहा था जैसे मुझे बेस्ट सिंगर का अवॉर्ड मिला हो।"

"वॉओ एड्रियन..... हो सकता है कि वह तुम्हें चांस दे दें।"

"ऐसा हो जाए तो समझ लो मेरे करियर की गाड़ी हवाई जहाज बन जाएगी।"

"कब आ रहे हो ?"

"बस कुछ देर में फ्लाइट है। दो घंटे में एयरपोर्ट। उसके बाद कैब से घर।"

"मैं एप्पल टार्ट लेकर आई थी।"

"मेरे लिए बचाकर रखना। नहीं तो तुम्हारी खैर नहीं।"

"देखती हूँ.... अगर बच गया तो ठीक.... पक्का नहीं है।"

एड्रियन हंसने लगा था। उस दिन वह आखिरी हंसी उसने सुनी थी। एड्रियन ने सी यू सून कहकर कॉल काट दी थी।

सुज़ैन फर्श पर बैठ गई। फ्रिज का दरवाज़ा खुला हुआ था। वह रो रही थी। एड्रियन पिछले कई दिनों से हॉस्पिटल के बेड पर अचेत पड़ा था। लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर था। उसे इस हालत में देखना सुज़ैन के लिए बहुत मुश्किल था।

एड्रियन जीवन से भरपूर शख्स था। उसने बहुत सी तकलीफें झेली थीं। बचपन ‌अनाथालय में बीता था। वहीं से उसने अपनी पढ़ाई और संगीत की शिक्षा ली। एक उम्र के ‌बाद अनाथालय छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होने के लिए ‌संघर्ष करना पड़ा। उस दौरान ज़िंदगी ने एड्रियन का कई बार ‌इम्तिहान‌ लिया था। वह हर इम्तिहान में पास हुआ था। लेकिन उसकी जिंदादिली में कोई कमी ‌नहीं आई थी।

उसका ज़िंदादिल अंदाज़ ही तो सुज़ैन को एड्रियन के नज़दीक लाया था।‌ उसके अंदाज़ ने सुज़ैन को इतना दीवाना बना दिया था कि वह उससे शादी करने के लिए अपने पापा के खिलाफ हो गई। जबकी बचपन से उसे अपने पापा के अलावा कोई भी प्रभावित नहीं करता था।

कुछ देर सो लेने के बाद सुज़ैन उठी और हॉस्पिटल जाने की तैयारी करने लगी। उसने बैग में नए कपड़े और कुछ सामान रख लिया था।‌ सिक्योरिटी गार्ड को फोन करके बुलाया। उसे वो सारा सामान इस्तेमाल के लिए दे दिया जिसके खराब हो जाने की संभावना थी। सब हो जाने के बाद उसने घर पर एक नज़र डाली। मन ही ‌मन प्रार्थना की कि यह घर एकबार फिर एड्रियन की ज़िंदादिल हंसी से गूंज उठे। एकबार फिर एड्रियन अपना गिटार उठाए ‌और उसके लिए कोई रोमांटिक गाना गाए। उसके प्यार भरे दिन ‌फिर लौट आएं।

सारे घर की लाइट्स और फैन ऑफ करके वह निकल गई।